पत्रकारिता का ककहरा देश की राजधानी मे सीखा. जंतर-मंतर बनी पहली पाठशाला. इसके बाद कुछ साल बिहार और झारखण्ड की गलियों में रिपोर्टिंग करते-करते फिर दिल्ली आ गया. आजकल दैनिक भास्कर में खबरों की सूरत बनाता- बिगाड़ता हूँ. लेकिन, मन आज भी बिहार-झारखण्ड में ही भटक रहा है.